गुरुवार 20 नवंबर 2025 - 09:04
दरियादिली और कंजूसी में फ़र्क

हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में दरियादिली और कंजूसी में फ़र्क समझाया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, निम्मलिखित रिवायत “ग़ेरर उल हिकम” किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال امیرالمؤمنین علیه‌ السلام:

اَلْكَريمُ يَرى مَكارِمَ أَفْعَالِهِ دَيْنًا عَلَيْهِ يَقْضِيهِ، وَ اَللَّئيمُ يَرى سَوَالِفَ إِحْسَانِهِ دَيْنًا لَهُ يَقْتَضِيهِ

अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया:

एक नेक इंसान अपने अच्छे कामों को खुद पर कर्ज़ समझता है जिसे वह चुकाता है, और एक कंजूस इंसान अपनी पहली नेकी को खुद पर कर्ज़ समझता है जिसे वह पाता है।

ग़ेरर उल हिकम, हदीस 2031 और 2032.

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha